Shri Ram Chalisa: श्री राम चालीसा भक्ति और श्रद्धा की प्रतिक

भगवान विष्णु ने राक्षसों के आतंक को खत्म करने के लिए पृथ्वी पर विभिन्न अवतार धारण किए हैं, जिनमें से एक प्रमुख अवतार भगवान राम हैं, जिन्होंने राक्षस राजा रावण को हराया था। श्री राम चालीसा (Ram Chalisa) का पाठ करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। भगवान राम की कृपा भक्तों को बुद्धि, सफलता, धन, शक्ति, ज्ञान और विवेक प्रदान करती है। सदाचार के प्रतीक भगवान राम व्यक्तियों को जीवन में सही निर्णय लेने की शक्ति देते हैं।

उनकी परोपकारिता सभी परेशानियों को दूर करती है, माना जाता है कि श्री राम चालीसा का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के जीवन की सभी चुनौतियाँ धीरे-धीरे हल हो जाती हैं। ऐसा कहा गया है कि कलियुग में भगवान राम का नाम लेने से सभी कार्य पूरे हो जाते हैं और अटूट विश्वास के साथ नाम लेने से जीवन की मुश्किलो का अंत हो जाता है। भगवान राम के नाम की शक्ति अद्वितीय है, जो इसे पूरी श्रद्धा से लेते हैं उन्हें सभी कठिनाइयों से राहत मिलती है। लगातार राम चालीसा का जाप करने से आनंद और समृद्धि में वृद्धि होती है, साथ ही सफलता, बुद्धि, धन, शक्ति और बुद्धि की प्राप्ति होती है।

Shri Ram Chalisa lyrics

श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa Lyrics in Hindi)

॥ दोहा ॥

आदौ राम तपोवनादि गमनं हत्वाह् मृगा काञ्चनं
वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीव संभाषणं

बाली निर्दलं समुद्र तरणं लङ्कापुरी दाहनम्
पश्चद्रावनं कुम्भकर्णं हननं एतद्धि रामायणं

॥ चौपाई ॥

श्री रघुबीर भक्त हितकारी ।
सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी ॥

निशि दिन ध्यान धरै जो कोई ।
ता सम भक्त और नहिं होई ॥

ध्यान धरे शिवजी मन माहीं ।
ब्रह्मा इन्द्र पार नहिं पाहीं ॥

जय जय जय रघुनाथ कृपाला ।
सदा करो सन्तन प्रतिपाला ॥

दूत तुम्हार वीर हनुमाना ।
जासु प्रभाव तिहूँ पुर जाना ॥

तुव भुजदण्ड प्रचण्ड कृपाला ।
रावण मारि सुरन प्रतिपाला ॥

तुम अनाथ के नाथ गोसाईं ।
दीनन के हो सदा सहाई ॥

ब्रह्मादिक तव पार न पावैं ।
सदा ईश तुम्हरो यश गावैं ॥

चारिउ वेद भरत हैं साखी ।
तुम भक्तन की लज्जा राखी ॥

गुण गावत शारद मन माहीं ।
सुरपति ताको पार न पाहीं ॥

नाम तुम्हार लेत जो कोई ।
ता सम धन्य और नहिं होई ॥

राम नाम है अपरम्पारा ।
चारिहु वेदन जाहि पुकारा ॥

गणपति नाम तुम्हारो लीन्हों ।
तिनको प्रथम पूज्य तुम कीन्हों ॥

शेष रटत नित नाम तुम्हारा ।
महि को भार शीश पर धारा ॥

फूल समान रहत सो भारा ।
पावत कोउ न तुम्हरो पारा ॥

भरत नाम तुम्हरो उर धारो ।
तासों कबहुँ न रण में हारो ॥

नाम शत्रुहन हृदय प्रकाशा ।
सुमिरत होत शत्रु कर नाशा ॥

लषन तुम्हारे आज्ञाकारी ।
सदा करत सन्तन रखवारी ॥

ताते रण जीते नहिं कोई ।
युद्ध जुरे यमहूँ किन होई ॥

महा लक्ष्मी धर अवतारा ।
सब विधि करत पाप को छारा ॥

सीता राम पुनीता गायो ।
भुवनेश्वरी प्रभाव दिखायो ॥

घट सों प्रकट भई सो आई ।
जाको देखत चन्द्र लजाई ॥

सो तुमरे नित पांव पलोटत ।
नवो निद्धि चरणन में लोटत ॥

सिद्धि अठारह मंगल कारी ।
सो तुम पर जावै बलिहारी ॥

औरहु जो अनेक प्रभुताई ।
सो सीतापति तुमहिं बनाई ॥

इच्छा ते कोटिन संसारा ।
रचत न लागत पल की बारा ॥

जो तुम्हरे चरनन चित लावै ।
ताको मुक्ति अवसि हो जावै ॥

सुनहु राम तुम तात हमारे ।
तुमहिं भरत कुल- पूज्य प्रचारे ॥

तुमहिं देव कुल देव हमारे ।
तुम गुरु देव प्राण के प्यारे ॥

जो कुछ हो सो तुमहीं राजा ।
जय जय जय प्रभु राखो लाजा ॥

रामा आत्मा पोषण हारे ।
जय जय जय दशरथ के प्यारे ॥

जय जय जय प्रभु ज्योति स्वरूपा ।
निगुण ब्रह्म अखण्ड अनूपा ॥

सत्य सत्य जय सत्य- ब्रत स्वामी ।
सत्य सनातन अन्तर्यामी ॥

सत्य भजन तुम्हरो जो गावै ।
सो निश्चय चारों फल पावै ॥

सत्य शपथ गौरीपति कीन्हीं ।
तुमने भक्तहिं सब सिद्धि दीन्हीं ॥

ज्ञान हृदय दो ज्ञान स्वरूपा ।
नमो नमो जय जापति भूपा ॥

धन्य धन्य तुम धन्य प्रतापा ।
नाम तुम्हार हरत संतापा ॥

सत्य शुद्ध देवन मुख गाया ।
बजी दुन्दुभी शंख बजाया ॥

सत्य सत्य तुम सत्य सनातन ।
तुमहीं हो हमरे तन मन धन ॥

याको पाठ करे जो कोई ।
ज्ञान प्रकट ताके उर होई ॥

आवागमन मिटै तिहि केरा ।
सत्य वचन माने शिव मेरा ॥

और आस मन में जो ल्यावै ।
तुलसी दल अरु फूल चढ़ावै ॥

साग पत्र सो भोग लगावै ।
सो नर सकल सिद्धता पावै ॥

अन्त समय रघुबर पुर जाई ।
जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई ॥

श्री हरि दास कहै अरु गावै ।
सो वैकुण्ठ धाम को पावै ॥

॥ दोहा ॥

सात दिवस जो नेम कर पाठ करे चित लाय ।
हरिदास हरिकृपा से अवसि भक्ति को पाय ॥

राम चालीसा जो पढ़े रामचरण चित लाय ।
जो इच्छा मन में करै सकल सिद्ध हो जाय ॥

राम चालीसा करने की विधि

राम चालीसा (Ram Chalisa) का पाठ करने की विधि बहुत सरल होती है, इसके पाठ करने की विधि निम्नलिखित है:

  • अपने पाठ के लिए एक शांत और साफ जगह ढूँढें, भगवान राम की तस्वीर या मूर्ति के सामने।
  • जमीन पर आसन लगा लें, चटाई बिछा लें।
  • भगवान गणेश को नमस्कार करके भगवान श्री राम की पूजा करें।
  • मंगलवार के दिन सुबह पूजा के दौरान राम चालीसा का पाठ करें।
  • सात दिनों तक लगातार राम चालीसा का पाठ करें।
  • राम चालीसा का पाठ करने से मन की कोई भी इच्छा पूरी हो जाती है।

राम चालीसा का महत्त्व

राम चालीसा, भगवान राम को समर्पित एक भजन है जो, हिंदू धर्म में अधिक महत्त्व रखता है। इसमें 40 छंद (चालीसा) शामिल हैं जो भगवान राम की स्तुति करते हैं और उनके आशीर्वाद का फल प्राप्त करते हैं। भक्त अक्सर सुरक्षा, मार्गदर्शन और शक्ति पाने के लिए इसका पाठ करते हैं। चालीसा भगवान राम के गुणों और उनके अद्भुत कार्यों पर प्रकाश डालती है, साथ ही साथ प्भक्ति और समर्पण पर जोर देती है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इसे आस्था और भक्ति के साथ पढ़ते हैं, उनके लिए यह शांति, समृद्धि और भगवान श्री राम का आशीर्वाद लाता है।

राम चालीसा से होने वाले लाभ

राम चालीसा (Ram Chalisa) का पाठ करने के कई लाभ हैं:

  • राम चालीसा का पाठ करने से मानसिक चिंता और तनाव में कमी होती है।
  • इस चालीसा का पाठ करने से भगवान श्री राम के प्रति भक्ति बढ़ती है।
  • व्यक्ति के जीवन में आने वाले किसी भी प्रकार के कष्टों का अंत होता है और जीवन में चल रहे संघर्षों का सामना करने की शक्ति मिलती है।
  • राम चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है भक्त श्री राम की तरह मर्यादावन बनता है।
  • इसके रोजाना पाठ करने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार आता है वह जीवन के उद्देश्यों को समझने में सफल होता है।
  • भगवान श्री राम के चालीसा का पाठ करने से हम हनुमान जी के और करीब होते है क्योंकी उन्हे प्रभु श्रीराम का सबसे बड़ा भक्त माना गया है।

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