विष्णु चालीसा (Vishnu Chalisa): आशीर्वाद और शांति का स्रोत

भगवान विष्णु हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता में से एक हैं, जिन्हें सर्वप्रमाणिक रूप से विष्णु पुराण और भगवद गीता में वर्णित किया गया है। भगवान विष्णु विशेष रूप से सृष्टि के संरक्षण और संहार के लिए जाने जाते हैं और इसलिए उन्हें “पालक” या “परिपालक” भी कहा जाता है

हिंदू धर्म के मान्यता के अनुसार गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है और इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व है, सच्ची पूजा के अलावा, विष्णु चालीसा (Vishnu Chalisa) का पाठ करना उत्तम माना गया है, क्योंकि यह  सौभाग्य को आकर्षित करता है। श्री विष्णु चालीसा में भक्ति भाव से भगवान की गुणगान किए जाते हैं, जिससे श्रद्धालु उनके प्रति समर्पण और भक्ति में रत होते हैं। इस चालीसा का पाठ करने से भक्त विष्णु भगवान की कृपा को प्राप्त करते हैं और उनके जीवन को दीर्घकालिक समृद्धि और आनंद से भर देते हैं।

विष्णु चालीसा (Vishnu Chalisa Chalisa Lyrics in Hindi)

।। दोहा ।।

विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय ।
कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय ॥

।। चौपाई ।।

नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी, त्रिभुवन फैल रही उजियारी ॥

सुन्दर रूप मनोहर सूरत, सरल स्वभाव मोहनी मूरत ।
तन पर पीताम्बर अति सोहत, बैजन्ती माला मन मोहत ॥

शंख चक्र कर गदा विराजे, देखत दैत्य असुर दल भाजे ।
सत्य धर्म मद लोभ न गाजे, काम क्रोध मद लोभ न छाजे ॥

सन्तभक्त सज्जन मनरंजन, दनुज असुर दुष्टन दल गंजन ।
सुख उपजाय कष्ट सब भंजन, दोष मिटाय करत जन सज्जन ॥

पाप काट भव सिन्धु उतारण, कष्ट नाशकर भक्त उबारण ।
करत अनेक रूप प्रभु धारण, केवल आप भक्ति के कारण ॥

धरणि धेनु बन तुमहिं पुकारा, तब तुम रूप राम का धारा ।
भार उतार असुर दल मारा, रावण आदिक को संहारा ॥

आप वाराह रूप बनाया, हिरण्याक्ष को मार गिराया ।
धर मत्स्य तन सिन्धु बनाया, चौदह रतनन को निकलाया ॥

अमिलख असुरन द्वन्द मचाया, रूप मोहनी आप दिखाया ।
देवन को अमृत पान कराया, असुरन को छवि से बहलाया ॥

कूर्म रूप धर सिन्धु मझाया, मन्द्राचल गिरि तुरत उठाया ।
शंकर का तुम फन्द छुड़ाया, भस्मासुर को रूप दिखाया ॥

वेदन को जब असुर डुबाया, कर प्रबन्ध उन्हें ढुढवाया ।
मोहित बनकर खलहि नचाया, उसही कर से भस्म कराया ॥

असुर जलन्धर अति बलदाई, शंकर से उन कीन्ह लड़ाई ।
हार पार शिव सकल बनाई, कीन सती से छल खल जाई ॥

सुमिरन कीन तुम्हें शिवरानी, बतलाई सब विपत कहानी ।
तब तुम बने मुनीश्वर ज्ञानी, वृन्दा की सब सुरति भुलानी ॥

देखत तीन दनुज शैतानी, वृन्दा आय तुम्हें लपटानी ।
हो स्पर्श धर्म क्षति मानी, हना असुर उर शिव शैतानी ॥

तुमने ध्रुव प्रहलाद उबारे, हिरणाकुश आदिक खल मारे ।
गणिका और अजामिल तारे, बहुत भक्त भव सिन्धु उतारे ॥

हरहु सकल संताप हमारे, कृपा करहु हरि सिरजन हारे ।
देखहुं मैं निज दरश तुम्हारे, दीन बन्धु भक्तन हितकारे ॥

चाहता आपका सेवक दर्शन, करहु दया अपनी मधुसूदन ।
जानूं नहीं योग्य जब पूजन, होय यज्ञ स्तुति अनुमोदन ॥

शीलदया सन्तोष सुलक्षण, विदित नहीं व्रतबोध विलक्षण ।
करहुं आपका किस विधि पूजन, कुमति विलोक होत दुख भीषण ॥

करहुं प्रणाम कौन विधिसुमिरण, कौन भांति मैं करहु समर्पण ।
सुर मुनि करत सदा सेवकाई, हर्षित रहत परम गति पाई ॥

दीन दुखिन पर सदा सहाई, निज जन जान लेव अपनाई ।
पाप दोष संताप नशाओ, भव बन्धन से मुक्त कराओ ॥

सुत सम्पति दे सुख उपजाओ, निज चरनन का दास बनाओ ।
निगम सदा ये विनय सुनावै, पढ़ै सुनै सो जन सुख पावै ॥

॥ इति श्री विष्णु चालीसा ॥

श्री विष्णु चालीसा पाठ करने की विधि :

  • अपने दिन की शुरुआत जल्दी उठकर और ताज़ा सुबह स्नान करके करें।
  • अपने आप को पीले रंग के परिधान से सजाएं।
  • श्री हरि विष्णु के गर्भगृह को घी के दीपक से रोशन करें। 
  • अपने मंदिर या प्रार्थना स्थल पर एक चटाई बिछाकर बैठ जाएं।
  • भगवान विष्णु को पीले चंदन, अक्षत, फूल, माला, भोग और तुलसी का प्रसाद चढ़ाएं।
  • इस पवित्र अनुष्ठान को पूरा करने के लिए विष्णु चालीसा का पाठ करें।

श्री विष्णु चालीसा के महत्व

जगत के पालनकर्ता के रूप में प्रसिद्ध भगवान विष्णु, प्रतिदिन विष्णु चालीसा का पाठ करने वालों के लिए सुख और सौभाग्य लाने के लिए पूजनीय हैं। यह अभ्यास न केवल व्यक्ति की बुद्धि को बढ़ाता है बल्कि वित्तीय सफलता और कार्यों को पूरा करने में भी सहायता करता है। माना जाता है कि नियमित रूप से विष्णु चालीसा का पाठ करने से मन की एकाग्रता बढ़ती है।

गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष महत्व रखता है और माना जाता है कि इस दिन सच्चे मन से विष्णु चालीसा का पाठ करने से गुरु दोष खत्म हो जाता है। भगवान श्री हरि विष्णु की चालीसा का दैनिक जाप पूरे घर में एक आनंदमय वातावरण बनाता है, जिससे समृद्धि और कल्याण को बढ़ावा मिलता है।

जिन घरों में हरि के नाम का सम्मान किया जाता है, वहां से दरिद्रता दूर होती है और सभी के लिए खुशी और स्वास्थ्य सुनिश्चित होता है। कहा जाता है कि श्री हरि भगवान विष्णु चालीसा (Vishnu Chalisa) का दैनिक पाठ करने से वैवाहिक विवादों का समाधान होता है और प्रचुर खुशियां मिलती हैं।

जो लोग पूरे मन और विश्वासपूर्वक प्रतिदिन श्री हरि लक्ष्मीपति भगवान विष्णु की चालीसा का पाठ करते हैं, उनकी हर मनोकामना पूरी होती है।

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